आखिर कोन होते हैं पैरा कमांडों? कैसे बनें पैरा कमांडों?
who are para commandos? How to become para commandos?
भारत और पाकिस्तान के बीच कई ऐसे युद्ध हुए जिन्होंने इतिहास के पन्नो पर अपना नाम दर्ज किया। कई बार भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान को ऐसा परास्त किया गया कि पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भारत और भारतीय सेना की वाहवाही हुई। १९६५ एवम १९७१ का भारत–पाकिस्तान युद्ध हो या कारगिल का विजय युद्ध , सबमें ही भारतीय सेना की एलीट स्पेशल फ़ोर्स यूनिट ‘ पैरा कमांडो ‘ शामिल थी। तो आखिर कोन हैं ये पैरा कमांडोज? आइए जानते हैं इनके बारे में।
पैरा कमांडो को पैरा ( एस एफ) कमांडों या पैरा (स्पेशल फ़ोर्स ) से भी जाना जाता है। यह भारतीय सेना के पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फ़ोर्स यूनिट है जो विभिन्न कार्य जैसे दुश्मनों से लड़ना, गैर– परंपरागत हमले, आतंकवाद विरोधी अभियान आदि मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम देना होता है।
इतिहास
पैरा कमांडो की शुरुआत १ जुलाई ,१९६६ में भारतीय सेना द्वारा स्पेशल फोर्स वर्ग के अंतर्गत की गई थी। यह एक पैराशूट रेजिमेंट का भाग है जिसका गैरिसन यानी मुख्यालय बेंगलुरू में है।
कैसे बनें पैरा कमांडर
पैरा कमांडों के पद की भर्ती के लिए युवा की नियुन्तम आयु २२ वर्ष या अधिक होनी चाइए और उसका कद १६० cm ya अधिक होना चाइए ( ऊंचे पद के अफसरों को कद में ५ cm ki छूट प्रदान है)। जो युवा दसवीं, बारवीं या स्नातक उत्तीर्ण हैं वह पद के लिए योग्य हैं। साल में दो बार पर कमांडों के पद की रिक्ति निकलती है ।
पैरा कमांडर बनने के लिए दो तरीके होते हैं –
- पहला – सीधी भर्ती द्वारा जो भारतीय सेना की रैलियों में भाग लेने से प्राप्त की जा सकती है।
- दूसरा – भारतीय सेना का हिस्सा बनकर ३ साल की न्यूनतम सर्विस प्रदान करने के बाद स्वेच्छा से पैरा कमांडो की भर्ती के लिए आवेदन करना।
दोनों ही तरीकों में आपको शारीरिक फिट्नेस परीक्षण एवम लिखित परीक्षा देनी होती है जिसमे सफल होने के बाद ही आपको प्रशिक्षण के लिए योग्य माना जाता है। यह परीक्षण सिर्फ १०% युवा ही उत्तीर्ण कर पाते हैं।
प्रशिक्षण –
सर्वप्रथम, पैरा ट्रूपर को ३ महीने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है जिसके बाद उसको ६ महीने के पैरा कमांडों स्पेशल फोर्स प्रशिक्षण से गुजरना होता है। इस प्रकार पैरा कमांडों की कुल प्रशिक्षण अवधि ९ महीने की होती है। इस दौरान उनको बिना खाए –पिए , बिना सोए ३६ घंटे बिताने होते हैं। इस प्रशिक्षण को वह ही पूरा कर पाते हैं जो शारीरिक एवम मानसिक दोनों ही रूपों से मजबूत हों। प्रशिक्षण के अंतिम दिन कमांडों के लिए एक पार्टी आयोजित करी जाति है जिसमे युवा को शीशे के ग्लास में मदिरा पान करने के बाद उस ग्लास के उपरी हिस्से को काटकर , चबाकर खाना होता है । इससे उनकी शारीरिक एवम मानसिक मजबूती का पता लगता है।
पैरा कमांडों विस्तार मैं –
पैरा कमांडों का हथियार उनका पैराशूट होता है। एक कमांडों के पास दो पैराशूट होते हैं जिनका वज़न १५ किलोग्राम और ५ किलोग्राम होता है। इनका आदर्श नारा या आदर्श वाक्य ” शत्रुजीत ( विजेता) “ है। इनकी पहचान मैरून रंग की टोपी से होती है जिसपर इनका बलिदान चिन्ह बना होता है। वर्तमान में पैरा स्पेशल फोर्स में १५ बटालियन हैं जो निम्नलिखित हैं:-
- 1पैरा (एस एफ)
- 2 पैरा (एस एफ)
- 3 पैरा (एस एफ)
- 4 पैरा (एस एफ)
- 5पैरा (एस एफ)
- 6 पैरा (एस एफ)
- 7 पैरा (एस एफ)
- 9 पैरा (एस एफ)
- 10 पैरा (एस एफ)
- 11 पैरा (एस एफ)
- 12 पैरा (एस एफ)
- 13 पैरा (एस एफ)
- 21 पैरा (एस एफ)
- 23 पैरा (एस एफ)
- 29 पैरा (एस एफ)
पैरा (एस एफ) कुल ६ पुरुषों को टीम होती है जो निर्देशित कार्यों पर ध्यान अर्जित करने के बाद चयनित होते हैं परंतु बलिदान का बैज अर्जित करने के लिए उन्हें शत्रुतापूर्ण छेत्र में तैनात होकर जीवित रहना होता है। (बलिदान बैज का चिन्ह भारत की पैरा (एस एफ) का प्रतीक चिन्ह है जो भारतीय पैरा कमांडों लगाते हैं।)
पैरा एस एफ को महावीर चक्र, वीर चक्र , अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र आदि से सम्मानित किया जाता है। इनका मासिक वेतन ₹56,100 से शुरू होकर ₹2,50,000 तक जाता है।
सबसे कठिन परिस्थितियों में भी भारतीय सीमा और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा करने के कारण हम पैरा कमांडों की तुलना अभिभावक वायुदूत ( guardian angel) से करते हैं जिनका कार्य भी इंसान को हर बुराई से सुरक्षित रखना होता है।