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टीडीएस क्या है आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से

What is TDS in Hindi

What is TDS in Hindi

What is TDS in Hindi: टीडीएस एक प्रकार का टैक्स है। TDS का Full form : Tax Deducted at Source. अर्थात इसका अर्थ होता है – स्त्रोतों पर कर कटौती। यह कई तरह के कमाई के आय के स्त्रोतों पर लगाये जाने वाले कर (Tax) के तौर पर जाना जाता है।

 यह टैक्स की चोरी को रोकने में मदद करता है, साथ ही एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के अंत में इकट्ठा टैक्स भुगतान के बोझ को भी काम करता है। TDS भारत सरकार द्वारा साल भर की राजस्व की लगातार आमदनी को सुनिश्चित करने वाला टैक्स है।

टीडीएस टैक्स कटौती भारत में आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार टीडीएस में कटौती के संबंध में शर्तों और नियमों का प्रबंधन सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) द्वारा होता है। 

इसमें टीडीएस के रूप में काटे गए टैक्स में भारतीय राजस्व सेवा विभाग का हिस्सा होता है। टीडीएस को काटने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को डिडक्टर कहा जाता है। तथा जिस व्यक्ति के खाते से टीडीएस की कटौती की जाती है उसे डिडक्टी के तौर पर जाना जाता है।

टीडीएस के नियम के अनुसार यदि वेतन भुगतान करने के समय आय पहले से तय सीमा से अधिक है, तब टीडीएस (TDS) काटा जाता है। यह एक व्यक्ति की तरफ से सरकार को टैक्स दिया जाता है। टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्स काटने वाले व्यक्ति को सरकार द्वारा टीडीएस कटौती का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

टीडीएस के प्रकार (Types of TDS) –

स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने पर नही कटेगा TDS – 

अब किसी भी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार से शेयर खरीदने वाली कंपनियों के लेनदेन के लिए टीडीएस (TDS) की कटौती नहीं होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर यह खरीद 50 लाख से ऊपर है तब भी उन पर टीडीएस लागू नहीं होगा। यह नियम 1 जुलाई से लागू हो गया है।

 केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि 10 करोड़ से अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों पर ही टीडीएस लागू होगा। वहीं अगर इन कंपनियों में कोई भारतीय एक वित्त वर्ष में 50 लाख से अधिक की खरीदारी करता है तब उसे खरीदी गई कुल रकम का 0.1% टीडीएस के रूप में कटाना होगा।

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