आइये जानते है क्या होता है BSE और NSE, कैसे करता है यह काम

BSE and NSE: BSE का मतलब है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज  (Bombay Stock Exchange) और एनएसई (NSE) का मतलब होता है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange)। यह दोनों की शेयर (share) और बांड (bond) जैसी सिक्योरिटी से जुड़ी हुई संस्था है। आज हम जानेंगे भारत के 2 शेयर बाजार BSE और NSE के बारे में विस्तार से

जैसा कि हम सब जानते हैं शेयर मार्केट एक ऐसी जगह होती है जहां पर Investor  स्टॉक, बांड और अन्य सिक्योरिटी को खरीदते व बेचते हैं। स्टॉक मार्केट में Stock Exchange पर ट्रेंड किया जाता है। भारत का सबसे पुराना Stock Exchange BSE (BSE) है जिसकी स्थापना आजादी से बहुत पहले हुई थी। जबकि एनएसई (NSE) की स्थापना आजादी के बाद 1992 में की गई थी।

BSE क्या है?

  भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा Stock Exchange BSE को कहा जाता है। इसकी स्थापना आजादी से पहले 1875 में हुई थी। उस समय इसको द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से जाना जाता था। 1957 में भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कंस्ट्रक्शन रेगुलेशन एक्ट 1956 के तहत इसे भारत के Stock Exchange का दर्जा दिया। अब यह BSE Stock Exchange के रूप में काम करता है। 

आज BSE Stock Exchange में 5000 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है। इन कंपनियों के शेयर हर रोज स्टॉक मार्केट में ट्रेंड होते रहते हैं। अपनी शुरुआत के बाद से ही BSE लगातार बढ़ता जा रहा है। नतीजा यह है कि आज इसमें 5000 से भी ज्यादा कंपनियां शामिल है। 

बीएसई का बेंचमार्क index सेंसेक्स (Sensex) के नाम से जाना जाता है। इसकी स्थापना 1986 में हुई थी। आसान भाषा में अगर इसे हम समझे तो BSE में लिस्टेड कंपनियों में से यह उन कंपनियों का सूचकांक जारी करता है जो स्टॉक मार्केट में बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं। सेंसेक्स (Sensex) का काम इसमें लिस्टेड कंपनियों के रैंक को जारी करना होता है। सेंसेक्स (Sensex) में 30 कंपनियां शामिल है। इसका मतलब है कि सेंसेक्स (Sensex) टॉप 30 स्टॉक ट्रेडिंग (Trading) कंपनियों को पहचान दे रहा है।

 पहले BSE की ट्रेडिंग (Trading) पेपर के ऊपर होती थी। लेकिन 1995 से ऑनलाइन ट्रेडिंग (Trading) की शुरुआत हुई तब से शेयर को खरीदने और बेचने का काम ऑनलाइन होने लगा। 

BSE को एशिया एशिया का पहला Stock Exchange भी कहा जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा Stock Exchange है। 

NSE क्या है?

 NSE को भारत के दूसरे Stock Exchange के तौर पर जाना जाता है। यहां पर हजारों की संख्या में प्रतिदिन Investors शेयर खरीदते और बेचते हैं। इसमें 1600 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है। NSE की स्थापना 1992 में हुई थी। तब NSE सिक्योरिटी कंस्ट्रक्शन एक्ट 1956 के तहत सिर्फ टैक्स देने कंपनियों को रैंक देने के तौर पर काम कर रहा था। लेकिन 1993 में NSE ने Stock Exchange के तौर पर पहली बार काम करना शुरू किया।

 NSE के भारत में स्थापित हो जाने के बाद भारतीय शेयर बाजार में इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हो गई। यानी कि ऑनलाइन शेयर की ट्रेडिंग (Trading) होने लगेगी। इसके पहले यह काम पेपर पर किया जाता था। NSE ने शेयर बाजार को ऑटोमेटेड बना दिया और इससे काफी ट्रांसपेरेंसी भी आ गई।

 NSE का बेंचमार्क index निफ्टी (Nifty) के नाम से जाना जाता है। निफ्टी (Nifty) में 50 कंपनियां शामिल होती हैं। इसलिए Nifty को Nifty 50 के नाम से भी लोग जानते हैं। National Stock Exchange निफ़्टी की ग्लोबल रैंकिंग 11 है।

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