Central Budget: आखिर रेल बजट को केंद्रीय बजट में क्यों शामिल कर दिया गया

Central Budget: साल 2017 के पहले तक भारत में केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट और रेल बजट को अलग-अलग पेश किया जाता था। यह परंपरा सालों से चली आ रही थी। स्वतंत्रता के पहले ब्रिटिश शासन के दौरान पहली बार 1924 में रेल बजट को केंद्रीय बजट से अलग किया गया था। तब से हमारे देश में रेल बजट और केंद्रीय बजट अलग-अलग पेश किया जाता था।

लेकिन साल 2017 में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रेल बजट को केंद्रीय बजट (Central Budget) में शामिल कर दिया। इसके लिए नीति आयोग ने एक समिति का गठन किया और श्वेत पत्र के माध्यम से रेल बजट और केंद्र बजट को एक ही में शामिल कर दिया गया।

नीति आयोग (NITI AAYOG) के समिति की सिफारिश पर तत्कालीन रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर केंद्रीय बजट और रेल बजट को मर्ज करने का आग्रह किया था। पहली बार यह मुद्दा राज्यसभा में 2016 में उठाया गया।

नीति आयोग की समिति ने अपनी सिफारिश में कहा था कि रेल बजट तैयार करना और पेश करना सिर्फ एक वार्षिक अनुष्ठान भर है। इसलिए इसे खत्म करके केंद्रीय बजट में शामिल कर देना चाहिए। इस सिफारिश में यह भी कहा गया था कि 1924 में अंग्रेजों ने रेल बजट को सरकारी राजस्व के बड़े हिस्से के रूप में पेश किया था।

इसलिए अलग से रेल बजट की आवश्यकता थी। उस समय देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) रेलवे से उत्पादन राजस्व पर अत्यधिक निर्भर था। परंतु वर्तमान समय में रेल बजट का आकार पहले की तुलना में काफी कम हो गया है।

बता दे भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां रेल बजट को केंद्रीय बजट से अलग पेश किया जाता था। साल 2017 से भारत में केंद्रीय बजट और रेल बजट को संयुक्त रूप से पेश किया जाने लगा। भारत में केंद्रीय बजट को वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है। वर्तमान समय में भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1 फरवरी 2022 को रेल केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

यह भी जाने : Objective of Budget: सरकार के बजट पेश करने का उद्देश्य क्या होता है

Back to top button