Heat Stroke: आइये जाने क्या होता है हीट स्ट्रोक? लक्षण और बचने के उपाय के बारे में
what is Heat Stroke in hindi
Heat Stroke: इन दिनों भारत के कई हिस्से में तेज़ गर्मी की लहर की वजह से तापमान काफी बढ़ गया हैं। जिससे उत्तर भारत के साथ कोणकण, मध्य भारत और तेलांगना में हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राजस्थान और दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में भी जल्द ही भीषण गर्मी पड़ सकती है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना हैं कि लोगों को हीट स्ट्रोक को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हीट स्ट्रोक कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है।
क्या है हीट स्ट्रोक? (What is Heat Stroke) –
हीट स्ट्रोक जिसे हाइपरथर्मिया भी कहते है गर्मी से संबंधित बीमारी है। इसमें शरीर का तापमान असामन्य रूप से बढ़ने के साथ शरीर में अन्य लक्षण भी दिखते हैं। इसमे तंत्रिका तंत्र का काम प्रभावित हो जाता है। हाइपरथर्मिया के दो अन्य रूप गर्मी से एंठन और हीट एक्सॉशन जैसे गंभीर होती हैं, लेकिन हीट स्ट्रोक एक मेडिकल एमर्जेंसी जैसी स्थिति भी उत्पन्न कर देती है, जिसका वक्त रहते सही तरीके से इलाज न किया जाए, यह जोनलेवा साबित हो सकती है।
हीट स्ट्रोक का प्रभाव –
शरीर का तापमान सामान्य से ज़्यादा बढ़ने से हीट स्ट्रोक हो सकता है। यह लंबे समय तक तेज़ धूप में खड़े रहने से होता है। शरीर का अधिक तापमान होने पर, अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह हीट स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क या किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
हीट स्ट्रोक का सबसे ज़्यादा ख़तरा 5 से कम उम्र के बच्चों, 65 से ज़्यादा उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को होता है। साथ ही अगर दिन भर धूप और गर्मी में काम करते हैं, तो ऐसे में हीट स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है
हीट स्ट्रोक के सामान्य लक्षण क्या हैं (Heat Stroke Symptoms) –
हीट स्ट्रोक के लक्षण हीट एक्सॉशन जैसे ही होते हैं, लेकिन जब ज़्यादा गंभीर हो जाता है तो कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। कमज़ोरी महसूस होना, सिर में दर्द, चक्कर आना और मतली जैसा आना हीट स्ट्रोक का सामान्य लक्षण हैं। हीटस्ट्रोक से प्रभावित होने पर शुरुआत से पहले पसीना आना बंद हो जाता है।
हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय (Heat Stroke Treatment) –
अगर किसी को हीटस्ट्रोक हो जाता है, तब छांव में चले जाने से या फिर पानी पीने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि शरीर मे ठंडक बनाये रखें और इसके लिए खूब सारा पानी पिये। प्यास लगने का मतलब है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है इसलिए उस पॉइंट तक पहुचने से पहले ही नियमित अंतराल पर पानी पीते रहे।
जब बाहर धूप ज़्यादा हो तो ऐसे में कोशिश करें कि बाहर न निकलें। अगर ऐसा मुमकिन नहीं है तो कोशिश करें कि समय-समय पर शरीर को ठंडक पहुंचाएं। अगर कोई व्यक्ति हीट स्ट्रोक का शिकार हो जाता है, तो उसे फौरन एयर कंडीशन एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाये और इलाज करवायें।
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