कॉरपोरेट लॉयर कैसे बने, कैरियर के अवसर एवं काम | How to become a corporate lawyer Hindi 2021
कॉरपोरेट लॉयर कैसे बने(How to become a corporate lawyer) :
पिछले कुछ सालों में युवाओं की दिलचस्पी कानून के क्षेत्र में बढ़ रही है। क्योंकि इस फील्ड में पैसा कमाने के साथ-साथ अपनी पहचान बनाने के अवसर रहते हैं। एक लॉयर (वकील) एक अलग ही रुतबा होता है। आज के दौर के बदलते सामाजिक और आर्थिक परिश्रम और नियामक की बढ़ती भूमिका के कारण में कानून विशेषज्ञों की मांग हर क्षेत्र में बढ़ रही है। ऐसे में एक विकल्प कॉर्पोरेट लॉयर (Corporate Lawyer) का भी है। आज बड़ी बड़ी कंपनियां अपने अपना कॉरपोरेट लॉयर नियुक्त करती हैं। कॉरपोरेट लॉयर कंपनी और उद्योगों को कानूनी सलाह देता हैं। यह अपने क्लाइंट्स को कानूनी तरीके से कारोबार करने में मदद करते हैं और कानून के दायरे में रह कर किस प्रकार से व्यवसाय को बढ़ाया जा सकता है, इस बात की सलाह देते हैं। कॉरपोरेट लॉयर व्यवसाय कानून में विशेषज्ञ होता है। किसी भी नए स्टार्ट अप या नही कम्पनी को कानूनी रूप से स्थापित होने के लिए कानूनी कागजात बनाने पड़ते है। एक कॉरपोरेट लॉयर कॉरपोरेटर रीऑर्गेनाइजेशन कराना जैसे जिम्मेदारियों को निभाता है, जिससे कंपनी को किसी भी प्रकार का नुकसान न उठाना पड़े। अगर कभी कंपनी के ऊपर कोई केस हो जाता है यही कॉरपोरेट लॉयर अदालत में केस फाइल करके कंपनी का प्रतिनिधित्व करता है और कंपनी का बचाव करता है।
कॉरपोरेट लॉयर बनने के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता(Educational qualification required to become a corporate lawyer) –
संविधान और कानून में रूचि रखने वाले लोग एक लॉयर या कॉर्पोरेट लॉयर के रूप में अपना कैरियर बना सकते हैं। इसके लिए 12 वीं के बाद ही 5 साल का ही इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी (BA LLB) का कोर्स किया जा सकता है। जिसके लिए 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50% अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन के योग्यता रखने वाले युवा भी एलएलबी (LLB) का कोर्स कर सकते हैं।
12 वीं के बाद होने वाले 5 वर्ष के BA LLB कोर्स में थियोरेटिकल के अलावा प्रैक्टिकल नॉलेज भेज दी जाती है जिससे स्टूडेंट को नियम और कानून के बारे में काफी विस्तार से जानकारी मिल जाती है। एलएलबी करने के बाद 2 साल का मास्टर कोर्स LLM भी किया जा सकता है।
कॉरपोरेट लॉयर के कामकाज –
कॉरपोरेट लॉयर किसी भी कंपनी या क्लाइंट्स को कानूनी तरीके से कारोबार या बिजनेस चलाने में सलाह देते हैं। यह नई फॉर्म या ऑर्गेनाइजेशन को शुरू करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं और कॉर्पोरेट रीऑर्गेनाइजेशन की जिम्मेदारी देखते हैं। कॉरपोरेट लॉयर लेजिसलेटिव मामलों की देखरेख करता है या किसी कंपनी के लिए कंसलटेंट की जिम्मेदारी निभाता है। इसमें वह कंपनी के ट्रांजैक्शन, पब्लिक स्फीयर, जनरल कमर्शियल, इंटरनेशनल कांट्रेक्टर के लिए ड्राफ्टिंग के अलावा कैपिटल मार्केट में इन्वेस्टमेंट, प्राइवेट इक्विटी जैसे मामलों में सलाह देता है।
कॉरपोरेट लॉयर के रूप में कैरियर के अवसर(Career opportunities as a corporate lawyer) –
इन दिनों का कॉरपोरेट लॉयर माँग तेजी से बढ़ रही है। इनकी मांग सीनियर पोजीशन पर ही नही बल्कि एंट्री लेवल पर भी बढ़ रही है। ऐसे में कॉरपोरेट लॉयर के रूप में कैरियर बनाने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर एक बेहतर विकल्प है।
भारत में मेक इन इंडिया और स्टार्टअप जैसी योजनाओं के चलते नई नई कंपनियों की एंट्री हो रही है। नई कंपनियों को अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कानूनी प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। ऐसे में जरूरी डाक्यूमेंट्स क्या क्या होते हैं? इन सभी प्रोसेस में कॉरपोरेट लॉयर कंपनी को स्थापित करने और कानूनी रूप से उन्हें चलाने में मदद कर सकता है। इसलिए आज नई नई कंपनियां कॉरपोरेट लॉयर को अपने यहां हायर कर रही हैं। क्योंकि नई कंपनियों को अपने स्टार्टअप को शुरू करने के लिए कानूनी कार्यवाही और कानूनी सलाह की जरूरत होती है जो उन्हें एक कॉरपोरेट लॉयर से मिलती है। ऐसे में आज के दौर में एक ला एक्सपर्ट के लिए जॉब के कई बेहतरीन अवसर उपलब्ध हो गए हैं।
आजकल तो छोटा मोटा बिजनेस स्टार्ट करना हो तो भी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यह सब काम कॉरपोरेट लॉयर करता हैं। ऐसे में यदि आप लॉ के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो कॉरपोरेट लॉयर कैरियर के लिए एक बेस्ट अपॉर्चुनिटी हो सकती है।
किस तरह की योग्यता है जरूरी –
किसी भी प्रोफेशन में जाने के लिए छात्र जीवन से ही जुझारू प्रवृत्ति का होना जरूरी है। कॉरपोरेट लॉयर बनने के लिए किताबों और घटनाओं से निरंतर जुड़े रहने से ललक होने में इस प्रोफेशन में भी आगे बढ़ने में मदद मिलती है। रिसर्च के आधार पर ही किसी विषय पर कमांड बन पाती है। ऐसे में एक कॉरपोरेट लॉयर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। एक लॉयर के रूप में आपको मृदुभाषी, वाकपटु होने के साथ-साथ लीडर वाले गुण में होने जरूरी है। मात्र किताबे पढ़ के परीक्षा पास कर लेने से कोई अच्छा लॉयर नहीं बन सकता है। बल्कि एक अच्छा लॉयर (वकील) बनने के लिए तार्किक, धैर्यवान, एकाग्रता, बहस करने की क्षमता, आत्मविश्वास और पिछले केस के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। साथ ही एक लॉयर के पास एक अच्छी लाइब्रेरी और किताबों का संग्रह जरूर होना चाहिए।