BULL और BEARS स्टॉक मार्केट क्या है?

BULLS And BEARS: शेयर मार्केट के बारे में कहा जाता है कि यह BULL और BEARS के बीच होने वाली जंग है। जहां कभी BULL जीत सकता है तो कभी BEARS जीत सकता है।

Bull and Bears निवेशक के दो प्रकार हैं अर्थात हम कह सकते हैं कि शेयर बाजार में दो तरह के लोग निवेश करते हैं। एक को Bull कहा जाता है और दूसरे को Bears रखा जाता है। 

Bullish उन लोगों को कहा जाता है जो यह समझते हैं कि मार्केट ऊपर जाएगा और इसी उम्मीद में वह shares को खरीदते हैं और उम्मीद करते हैं कि स्टॉक मार्केट ऊपर आएगा। तब वे अपने शेयर को बेचकर मुनाफा कमाएंगे। वहीं दूसरे प्रकार के निवेशक Bearish कहे जाते हैं जिनको यह लगता है कि शेयर मार्केट गिरने वाला है। इसलिए वह अपने स्टॉक को बेचते हैं और कुछ लोग शॉर्ट सेलिंग करके भी लाभ कमा लेते हैं।

अक्सर जब हम न्यूज़पेपर या फिर टेलीविजन या इंटरनेट पर स्टॉक मार्केट से रिलेटेड न्यूज़ देखते हैं। तो उसमें अगर शेयर मार्केट ऊपर जाने वाला होता है तो कहा जाता है कि मार्केट को Bullish किया जा रहा है। वहीं अगर मार्केट नीचे गिर रहा होता है तो Bearish कहा जाता है।

 शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला शब्द Bull और Bears है। इसलिए इन्हें समझना बेहद जरूरी है।

Bull and Bears का अर्थ – 

 हिंदी में अर्थ – Bull का मतलब हिंदी में बैल होता है और Bears का मतलब हिंदी भाषा में भालू होता है। लेकिन यहां पर आप हम कहेंगे कि बैल और भालू का शेयर बाजार में क्या काम है तथा इसका शेयर बाजार से किस तरह का संबंध है।

 दरअसल शेयर बाजार में Bull and Bears का अर्थ कुछ अलग होता है। शेयर बाजार में bull का अर्थ तेजी और bears का अर्थ मंदी से होता है। इन्हीं शब्दों से BULL से BULLISH और BEARS से BEARISH बना है।

Bull का अर्थ स्टॉक मार्केट में तेजी की अवस्था से होता है। वही Bears इसका अर्थ स्टॉक मार्केट में मंदी की अवस्था से होता है।

Bull and Bears नाम क्यों पड़ा? –

अब आप यह सवाल पूछ सकते हैं कि शेयर बाजार में Bull and Bears नाम क्यों पड़ा? दरअसल इसके पीछे कुछ कारण है। Bull अर्थात बैल जो कि एक जानवर होता है। इसका नेचर होता है कि वे हमेशा अपने शिकार को नीचे से ऊपर की तरफ फेंकता है। इसी तरह शेयर मार्केट में जब शेयर नीचे से ऊपर अचानक से उठते हैं तब इसे Bullish की हरकत कहा जाता है और मार्केट को Bull कहा जाता है।

 वही दूसरी तरफ Bears अर्थात भालू एक जानवर है। भालू का नेचर होता है कि वह अपने शिकार को हमेशा ऊपर से नीचे की तरफ गिराता है। यही वजह है कि शेयर मार्केट में जब शेयर नीचे की तरफ गिरने लगते हैं तब उसे Bearish की हरकत समझी जाती है और मार्केट को Bears कहा जाता है।

Bull and Bears के इस्तेमाल और महत्व –

 Bull and Bears स्टॉक मार्केट में सबसे ज्यादा चर्चित शब्द है। इनका कांसेप्ट भी काफी लोकप्रिय होने के साथ ही बहुत ही महत्वपूर्ण है। किसी स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस में टेक्निकल एनालिसिस के लिए इन दोनों शब्द का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। बुल्स और बीयर (Bull and Bears) के इस्तेमाल से ही हमें शेयर मार्केट की दिशा और दशा के बारे में जानकारी होती है।

BULLISH and BEARISH की पहचान –

Bull and Bears की पहचान के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को दो भागों में बांटा जाता है। Bullish इसको ग्रीन या ब्लू (Green or Blue) द्वारा पहचानते हैं जबकि Bearish इसको Red या Candle से पहचानते हैं।

BULL और BEARS की पहचान कैसे करें? 

मार्केट को Bullish तब माना जाता है जब वे पिछले दिन के क्लोज प्राइस से ऊपर बंद होते हैं। तथा मार्केट को Bearish इस तब समझा जाता है जब मार्केट पिछले दिन की क्लोज प्राइस से नीचे बंद होता है।

दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आपको Bull और Bear शब्द के बारे में समझ में आया होगा। आपको यह पता चल गया होगा की शेयर मार्केट में इन दोनों शब्दों का क्या महत्व है? तथा इसे किस लिए इस्तेमाल किया जाता है?

 अगर आपके मन में शेयर मार्केट से जुड़े कोई सवाल है, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।

यह भी जाने : प्रायमरी मार्केट क्या है शेयर बाजार में इसका क्या महत्व होता है

 

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