आइये जानते है Mutual Fund कितने प्रकार के होते है?

Types of Mutual Fund: आज के समय में निवेश करने के विकल्पों में से Mutual fund सबसे ज्यादा लोकप्रिय विकल्प है। भारत में म्यूचुअल फंड पिछले सालों में बहुत तेजी से लोकप्रिय हुआ है म्यूचुअल फंड निवेश करने का सबसे आसान तरीका है सरकार भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कहती है आज हम जानेंगे म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं

Mutual Fund क्या है? 

साधारण भाषा में म्यूच्यूअल फंड को बहुत सारे लोगों से उधार लिए गए पैसे को म्यूच्यूअल फंड के नाम से जाना जाता है म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए देखें : म्यूच्यूअल फंड क्या है? यह कितने प्रकार का होता है और इसे कैसे खरीदें 

म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार (Types of Mutual Fund) 

भारत में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को प्रमुख रूप से दो प्रकार से बांटा जा सकता है – पहला परिसंपत्ति (assets) के आधार पर, दूसरा संरचना (structure) के आधार पर 

एसेट के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड (Types of Mutual Fund Based on Asset) –

इस प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड में एक या एक से अधिक प्रकार के Asset में निवेश करते हैं। एसेट के आधार पर म्यूच्यूअल फंड को निम्नलिखित भागों में बांट सकते हैं जो इस प्रकार से हैं – 

डेट फण्ड (Debts Funds)

डेट फंड एक ऐसे म्युचुअल फंड (Mutual Fund) को कहा जाता है जो एक निश्चित आय रिटर्न (Reture) के रूप में देते हैं। डेट फंड (Debt Fund) कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड, अन्य कई मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश से जुड़े होते हैं। इन सभी सिक्योरिटीज पर एक निश्चित ब्याज दर (Rate of Interest) निर्धारित होती है। साथ ही इनकी परिपक्वता का समय (Maturity Date) भी निर्धारित रहती है। जिसकी वजह से इन्हें फिक्स्ड इनकम (Fixed Income) वाले डेट फंड (Debt Fund) कहा जाता है। इसमें कम रिस्क के साथ ही कम रिटर्न वाली अवधारणा काम करती है।

लिक्विड फंड (Liquid Fund) – 

 लिक्विड फंड (Liquid Fund) के नाम से ही पता चल रहा है कि यह ऐसे म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) होते हैं जिन्हें किसी भी समय आप निकाल सकते हैं और आपके Apply करने के 24 घंटे के अंदर लिक्विड फंड के पैसे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं।

 लिक्विड फंड में आप न्यूनतम 3 दिन के लिए निवेश कर सकते हैं। सामान्य तौर पर लिक्विड फंड जिनमें निवेश करते हैं उनकी परिपक्वता अवधि 91 दिन की होती है। लिक्विड फंड डेट फंड की कैटेगरी में सबसे कम रिटर्न देने वाले म्यूच्यूअल फंड होते हैं। लेकिन यह सुरक्षित भी होते हैं। लिक्विड फंड सेविंग अकाउंट और बैंक एफडी का एक सर्वोत्तम विकल्प माना जाता है।

इक्विटी फंड (Equity Fund) –

म्यूचुअल फंड में सबसे लोकप्रिय इक्विटी फंड (Equity Fund) है। इसमें ज्यादा रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न की संभावना रहती है। इक्विटी फण्ड, म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर द्वारा लगभग पूरे स्टॉक मार्केट में निवेश किया जाता है। इसमें म्यूच्यूअल फंड को अलग-अलग स्कीम में बांटा जा सकता है।

लार्ज कैप फंड (Large Cap Fund) –

  कैप का मतलब यहां कैपिटल से है। जिस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी कि कंपनी की साइज या फिर कंपनी की वैल्यू अधिक होती है। लार्ज कैप कंपनी की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि यह भरोसेमंद होती है, प्रतिष्ठित होती है तथा अपने सेक्टर में अग्रणी कंपनियों में गिनी जाती है।

 इस तरह से लार्ज कैप फंड (Large Cap Fund) वह म्यूच्यूअल फंड होते हैं जो अपना पैसा बड़े बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी में लगाने का काम करते हैं। इसमें कंपनी अपनी ग्रोथ प्राप्त कर चुकी होती है। अतः इसमें रिटर्न अन्य फंड की तुलना में कम मिलते हैं। लेकिन रिटर्न में निरंतरता अधिक पाई जाती है। लार्ज कैप फंड स्माल एंड मिड कैप की जगह पर रिस्की होते हैं। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करने को बेस्ट विकल्प माना जाता है।

 भारत में कुछ लार्ज कैप कंपनियों के उदाहरण रिलायंस, आईटीसी, एचएयूएल, ब्रिटानिया आदि।

मिड कैप फंड (Mid Cap Fund) –

जो म्यूच्यूअल फंड स्कीम मिड कैप (Mid Cap) वाली कंपनियों में निवेश करते हैं उन्हें मिड कैप म्यूच्यूअल फंड के नाम से जाना जाता है। इसमें मध्यम श्रेणी की मार्केट की सूचीबद्ध कंपनियां शामिल होती हैं। यह अपने व्यापार को स्थापित कर चुकी होती हैं और अपने ग्रोथ के लिए प्रयास कर रही होती हैं। मिड कैप फंड (Mid Cap Fund) लार्ज कैप फंड की तुलना में अधिक रिटर्न देते हैं। लेकिन यह थोड़ा रिस्की होते हैं। यदि आप Invest करके अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो मिड कैप म्यूच्यूअल फंड का चुनाव कर सकते हैं।

स्मॉल कैप फंड (Small Cap Fund) –

 स्मॉल कैप वाली कंपनी में निवेश करने वाले म्यूच्यूअल फंड को स्मॉल कैप फंड (Small Cap Fund) के नाम से जाना जाता है। यह वह कंपनियां होती है जो मार्केट में नए बिजनेस के साथ स्थिरता प्राप्त करने की कोशिश में लगी होती है। यह बहुत ज्यादा रिटर्न देती हैं लेकिन इनमें रिस्क भी बहुत ज्यादा होता है।

मल्टी कैप फंड (Multi Cap Fund) –

 वे म्यूच्यूअल फंड जो एक से अधिक प्रकार के स्टॉक में इन्वेस्ट करते हैं। जिसमें लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सभी कंपनियां शामिल होती है। और इनमें एक निश्चित अनुपात में निवेश किया जाता है। इसे मल्टीकैप फंड (Multi Cap Fund) के नाम से जाना जाता है। अपनी इसी विशेषता की वजह से मल्टीकैप फंड म्युचुअल फंड निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है। 

फ्लेक्सी कैप फंड (Flaxi Cap Fund) –

म्यूच्यूअल फंड की एक नई कैटेगरी फ्लेक्सी कैप फंड है। यह मल्टीकैप स्कीम के तर्ज पर ही काम करती है। इसमें अपने फंड चुनने के लिए फ्लैक्सेबिलिटी रहती है। फ्लेक्सी कैप फंड कैटेगरी में 65% हिस्सा इक्विटी तथा इक्विटी ओरिएंटेड फंड का रहता है। इसमें बिना किसी पूर्व निर्धारित सीमा के लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में फंड मैनेजर इन्वेस्ट कर सकता है।

ELSS म्यूच्यूअल फंड (ELSS Mutual Fund) –

ELSS – Equity linked Saving Scheme यह इक्विटी में निवेश करने वाली स्कीम होती है तथा यह इक्विटी ओरिएंटेड होती है। पिछले कुछ समय में लोग टैक्स सेविंग से बचने के लिए ELSS स्कीम में निवेश करने लगी है। इसमें लगाया गया पैसा 3 साल के लिए ब्लॉक रहता है तथा इनकम टैक्स की धारा 80 c इसी के तहत डेढ़ लाख रुपए तक की छूट भी मिलती है।

संरचना (Structure) के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड का प्रकार (Types of Mutual Fund Based on Structure) –

संरचना के आधार पर म्यूच्यूअल फंड को 3 प्रकार में विभाजित किया जा सकता है

  • ओपन एंडेड स्कीम 
  • क्लोज एंडेड स्कीम
  •  इंडेक्स फंड

ओपन एंडेड स्कीम (Open Ended Scheme) –

लगभग सभी प्रकार के म्यूच्यूअल फंड स्कीम ओपन एंडेड कैटेगरी के अंतर्गत ही आते हैं। इसमें कभी भी buy और sale आसानी से किया जा सकता है। इसमें कंपनी बिना किसी सीमा के निवेशकों को शेयर जारी कर सकती है।

क्लोज एंडेड स्कीम (Close Ended Scheme) –

 इस प्रकार की श्रेणी में बहुत ही कम म्यूच्यूअल फंड होते हैं। इसमें शेयर की संख्या सीमित होती है। क्लोज एंडेड स्कीम में आप कभी भी buy या sale नहीं कर सकते हैं। इसमें आपको मेच्योरिटी का इंतजार करना पड़ता है। यहां कम लिक्विडिटी होती हैं। यही वजह है कि यह कम लोकप्रिय हैं।

Index funds –

इंडेक्स फंड वे फंड होते हैं जो स्टॉक मार्केट में इंडेक्स के रूप में निवेश किये जाते हैं जैसे बीएससी, एनएससी। इसमें फंड मैनेजर कोई खास रणनीति नहीं बनाता है। इसमें investors को उतना ही रिटर्न मिलता है जितना रिटर्न इंडेक्स ने दिया हो, इसमें बढ़ोतरी के चांसेस बहुत कम रहते हैं।

सेक्टर फण्ड (Sector Fund)

सेक्टर फंड (Sector Fund) भी इंडेक्स फंड की तरह काम करते हैं। इन में अंतर बस यह होता है कि यह किसी विशेष सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्टॉक में निवेश किए जाते हैं जैसे बैंकिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर आदि।

यह भी देखे : बांड क्या होता है? सरकारी बांड में कैसे निवेश करें

 

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