Eknath Shinde: जाने कौन हैं एकनाथ सिंदे, जो राजनीति मे आने से पहले चलाते थे ऑटो रिक्शा
Who is Eknath Shinde in hindi
Eknath Shinde: बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र में सियासी तूफान आया हुआ है, जिसके केंद्र में एकनाथ शिंदे हैं। वह आजकल महाराष्ट्र कि राजनीत का सबसे चर्चित चेहरा बने हुए हैं। शिवसेना पार्टी के इतिहास में सबसे बड़ी बगावत करने वाले व्यक्ति एकनाथ शिंदे हैं। वर्तमान मे उन्हें 30 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वह शिवसेना पार्टी की वर्तमान सरकार को गिराने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। आइए जानते हैं एकनाथ शिंदे कौन है? जिन्होंने शिवसेना के ठाकरे परिवार को चुनौती दी है?
Eknath Shinde : एकनाथ शिंदे का परिचय –
एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। बाद मे वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए ठाणे आ गये। यहां पर उन्होंने 11th तक की पढ़ाई की, उसके बाद वह वागले ऐस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे। इसी दौरान एकनाथ शिंदे की मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई और यहीं से उनका राजनीतिक कैरियर शुरू हुआ।
एकनाथ शिंदे मात्र 18 वर्ष की आयु में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू कर दिया था। वह एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किए थे। करीब डेढ़ दशक तक वह शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम किए इसके बाद 1997 में राजनीति की तरफ कदम बढ़ाया। एकनाथ शिंदे को ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने 1997 में पार्षद का टिकट दिया और वह अपना पहला चुनाव जीते। फिर 2001 में वह नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने और दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बनाए गए।
इस दौरान आनंद दिघे का निधन हो गया और एकनाथ शिंदे का कद 2001 के बाद बने लगा एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद निधि के निधन के बाद इनकी पकड़ वहाँ की राजनीति में मजबूत हो गई। 2005 में नारायण राणे द्वारा पार्टी छोड़ने के बाद शिवसेना में एकनाथ शिंदे का कद और बढ़ गया। इस दौरान राज ठाकरे ने भी जब पार्टी छोड़ दी थी तब एकनाथ शिंदे ठाकरे परिवार के करीब आ गए।
2004 में बने विधायक –
एकनाथ शिंदे ने 2004 में विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना से ठाणे विधानसभा सीट के लिए टिकट पाया, जिसमे उन्हें जीत मिली। उन्होंने कांग्रेश के मनोज शिंदे को 37,000 वोट से हराया था। इसके बाद 2009, 2014 2019 में भी वह ठाणे जिले के कोपरी पछपाखड़ी सीट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान देवेंद्र फडणवीस सरकार ने एकनाथ शिंदे को लोक निर्माण विभाग का मंत्री बना दिया।
भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में हुए शामिल –
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हो गए। चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक के बाद खुद आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें शिवसेना विधायक दल का नेता बना दिया गया। ठाणे में भावी मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे का पोस्टर भी लगा।
यह पोस्टर उनके समर्थकों द्वारा लगाया गया था। हालांकि कांग्रेस और एनसीपी के दबाव के बाद एकनाथ शिंदे के स्थान पर उद्धव ठाकरे का नाम सामने आया तब वह बैकफुट पर चले गए। उद्धव सरकार में शिंदे राज्य के शहरी विकास मंत्री होने के साथ ठाणे जिले के प्रभारी मंत्री ने थे।
बताया जाता है कि कांग्रेस और एनसीपी का शिवसेना के साथ गठबंधन होने से एकनाथ शिंदे खुश नही थे। इसी के बाद उनके और उद्धव ठाकरे के बीच धीरे-धीरे दूरियां बढ़ने लगी। फरवरी 2022 में एकनाथ शिंदे ने के जन्मदिन के अवसर पर उनके समर्थकों ने भावी मुख्यमंत्री का पोस्टर ठाणे में लगवाया।
राजनीति में आने से पहले हादसे में खोए थे दो बच्चे –
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) जब पार्षद हुआ करते थे, उस दौरान उनका परिवार सतारा गया था। यहां पर एक हादसा हुआ जिसमें उन्होंने अपने एक 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी को खो दिया। दरअसल इनके दोनों बच्चे वोटिंग कर रहे थे, इस दौरान हादसा हो गया और दोनों डूब गए।
उस वक्त एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Family) के दूसरे बेटे श्रीकांत (Eknath Shinde Son) 13 साल के थे। बता दें कि वर्तमान समय में श्रीकांत कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना के सांसद हैं। इस घटना के बाद एकनाथ शिंदे काफी ज्यादा बिखर गए थे। यहां तक कि उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी। लेकिन इस दौरान उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे ने उन्हें संभल दिया और राजनीतिक जीवन में फिर से लेकर गए।
एकनाथ शिंदे की संपत्ति : (Eknath Shinde Net Worth) –
2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान एकनाथ शिंदे ने चुनावी हलफनामा भरा, जिसके अनुसार उनके पास 11 करोड 56 लाख से भी ज्यादा की संपत्ति है। जिसमें 2.10 करोड से भी ज्यादा की चल संपत्ति तथा 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है। हालांकि इस हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया है कि उन पर 18 से भी अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं। उन पर विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा करने, सरकारी कर्मचारी के आदेश की अवहेलना करने जैसे आरोप लगाए गए हैं।
चुनावी हलफनामे के अनुसार एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के पास कुल 6 कार है, जिसमें से 3 कार एकनाथ शिंदे के नाम है तथा तीन कार उनकी पत्नी के नाम है। एकनाथ शिंदे की पत्नी के नाम एक टेंपो भी है। इसके अलावा उनके पास एक पिस्टल और एक रिवाल्वर है।
एकनाथ शिंदे ने चुनावी हलफनामे में खुद को कांट्रैक्टर और बिजनेसमैन दिखाया है, साथ ही उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी संपत्ति से आने वाले किराया और इंटरेस्ट ही उनकी कमाई का जरिया है।
एकनाथ शिंदे का शिवसेना से बगावत का कारण –
पिछले कुछ समय से शिवसेना पार्टी पर अपने अपने मूल सिद्धांतों से हटने का आरोप लगाया जाता है। लोगों का कहना है कि शिवसेना पार्टी अब कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी नहीं रह गई। लोगों का इस वजह से शिवसेना पार्टी से मोहभंग होने लगा है, जिसमें कई विधायक भी शामिल है।
कहा जाता है कि पिछले कुछ सालों से शिवसेना पार्टी के वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने न तो कोई बड़ी पार्टी की है, न ही विधायकों से मिले हैं। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि उद्धव ठाकरे मात्र नाम के मुख्यमंत्री हैं। असली सरकार तो एनसीपी के शरद पवार द्वारा ही चलाई जा रही है।
ऐसी परिस्थिति में एकनाथ शिंदे लगातार विधायकों से मेलजोल बढ़ा रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह उन्होंने शिवसेना पार्टी के विधायकों का भरोसा धीरे-धीरे करके जीत लिया और समय आने पर पार्टी से बगावत कर दी। आज एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के पास इतने विधायक हैं कि वह महाराष्ट्र में आसानी से मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
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