चलिए जानते हैं कुछ ऐसे रहस्यमई गुफाओं के बारे में जो अपने-आप में अद्भुत हैं

Famous caves in India

जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत देश अपने संस्कार, संस्कृति और वातावरण के लिए दुनिया भर में मशहूर है।भारत देश में कई तरह के ऐसे जगह प्रसिद्ध है जो दुनिया में भारत को सबसे अलग बनाते हैं।आज हम जानेंगे भारत के कई ऐसे रहस्यमई गुफाओं के बारे में जो आपको एक अलग दुनिया का दर्शन कराएगी।

चलिए जानते हैं कुछ ऐसे रहस्यमई गुफाओं के बारे में जो अपने-आप में अद्भुत और अविश्वसनीय हैं

अजंता की गुफाएं

हम सभी जानते हैं कि अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले हैं। अजंता की गुफा अपने 29 बौद्ध गुफाएं और कई प्रकार के हिन्दू मंदिरों के लिए प्रसिद्ध हैं। अजंता की गुफाओं में होने वाले चित्रकारी सभी के मन को मोह लेती है।

अजंता की गुफाएं
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यहां के स्थानीय लोग का मानना है कि यह गुफा हजारों साल पुरानी है।अजंता के गुफाओं में बौद्ध गुफा के उपस्थित होने से कारण बताया जाता है कि यह गुफा दो शताब्दी ईसा पूर्व से 7 शताब्दी ईसा पूर्व तक की है,लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए नए शोध के मुताबिक अब यह बात स्पष्ट रूप से सटीक नहीं हैं।

एलोरा की गुफाएं

यह गुफा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है।एलोरा की गुफाएं इस ब्रह्मांड में सबसे पूरानी और अद्भुत मानी जाती हैं। वैज्ञानिकों की माने तो पत्थरों को काटकर इस गुफाओं को आकार दिया गया है जो देखने में काफी सुंदर लगती है। अलोरा की कुल 34 गुफाएं हैं और यह अपने सुंदर आकृति के लिए जानी जाती है।

एलोरा की गुफाएं
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वैज्ञानिकों के द्वारा एक बात का खुलासा हुआ कि इस एलोरा की गुफाओं में एक ऐसी रहस्यमई हिंदू मंदिर है जो मानव के द्वारा बनाया गया नहीं है और आज के इस आधुनिक तकनीक से भी इस मंदिर की रचना नहीं की जा सकती है।एलोरा की सुंदर और अद्भुत मंदिर को दूर-दूर से पर्यटक देखने के लिए आते हैं।
इस मंदिर का नाम कैलाश है। इस मंदिर के बारे मे स्टडी करने वाले आर्कोलॉजीस्टों के मुताबिक़ इस मंदिर को 4 हजार वर्ष पुर्व बनाया गया है।

उनके मुताबिक इस मंदिर को 40 लाख टन की चट्टानों को सहेज कर बड़े ही भव्य प्रकार से बनाया गया है जो आज के इंजीनियरिंग के बस की बात बिल्कुल भी नहीं है। वैज्ञानिकों के द्वारा यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एलोरा की गुफाओं के अंदर एक सीक्रेटशहर है जिसके बारे में किसी को भी नहीं पता है और यह एक लंबी सुरंग जैसा है जो अंडर ग्राउंड शहर में ले जाती हैं।

एलीफेंटा की गुफाएं

चलिए जानते हैं मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से कुल 12 किलोमीटर आगे जाकर स्थित एक भव्य गुफा के बारे में जो एलिफेंटा नाम से अस्तित्व में आया है।इस एलिफेंटा के गुफाओं को पहाड़ काटकर एक भव्य आकार दिया गया है।आरकीयोलोजिस्ट के मुताबिक़ इस मंदिर को 7वीं से 8वीं शताब्दी में राष्‍ट्रकूट राजाओं द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद खोजा गया था।

एलीफेंटा की गुफाएं
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परंतु इस भव्य गुफाओं को किसने बनाया इस बात का पता भी नहीं चला है।हजारों वर्ष पुरानी ऐसे ही 7 सुंदर गुफाएं हैं। इन सभी गुफाओं में जो सबसे महत्वपूर्ण गुफा है वह है महेश मूर्ति गुफा।इस गुफा को हम घारापुरी के नाम से भी जानते हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह कोंकणी मौर्य की द्वीप की राजधानी थी।

एलीफेंटा नामक इस गुफा में हिन्दू धर्म के कई प्रसिद्ध देवी-देवताओं के मूर्तियां को सुशोभित किया गया है।आपको यह जानकारी दें दें कि इस अद्भुत गुफा में भगवान शंकर के 9 बड़ी-बड़ी मूर्तियां हैं, जो महादेव के विभिन्न रूपों और क्रियाओं का दर्शन कराती है। महादेव के इस प्रतिमा को देखकर सभी का मन प्रसन्न हो जाता है।

बोरा की गुफाएं

भारत के दक्षिणी राज्य आंध्रप्रदेश में बोरा के कई ऐसे गुफाओं हैं जो इसे सभी गुफाओं से अलग बनाते हैं। बोरा की सुदंर गुफाएं विशाखापट्टनम से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।बताया जाता हैं कि यह गुफा करीब-करीब 10 लाख साल पुरानी हैं और समुद्र तल से 1400 फुट ऊंचाई पर जाकर स्थित हैं।

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बोरा की ये गुफाएं अंदर जाने पर काफी भव्य और दूर तक फैली हुई हैं। इस गुफाओं के अंदर का नजारा काफी अद्भुत लगता हैं। इस गुफाओं में घुसने का रास्ता एक सुरंग जैसा है लेकिन फिर बाद में अंदर में एक हॉल जैसा बड़ा ही भव्य दरबार है।

बेलम की गुफाएं

बेलम की गुफाएं आंध्रप्रदेश के कुरनूल इलाके से 106 किलोमीटर पर हैं।बताया जाता हैं कि बेलम की गुफाएं दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफाएं है जो अपने खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं। आर्कियोलॉजिस्ट के मुताबिक इस गुफा को सन् 1854 में बहुत मेहनत से खोजा गया था। बड़े-बड़े पहाड़ियों के बीच में स्थिति बोरा के गुफाओं के ठीक विपरीत बेलन की गुफाएं एक बहुत ही बड़े से खेत के नीचे पाए जाते हैं।

बेलम की गुफाएं
बेलम की गुफाएं (Source : Google Search)

करीब-करीब 20 मीटर सीधे चलने वाली यह गुफा ठीक नीचे उतरने के बाद जमीन के नीचे बहुत ही भव्य प्रकार से फैल जाती हैं।इस बेलम की गुफाओं की लंबाई 3,229 मीटर की है। यह गुस्सा अपनी सुंदरता के लिए अस्तित्व में आई है और बहुत ही बड़े जगह में फैले हुए खेत के नीचे होने के कारण यह काफी अद्भुत लगती है।

उंदावली, विजयवाड़ा की गुफाएं

आंध्रप्रदेश में विजयवाड़ाप्रान्त नाम का एक शहर स्थित है। इसी के पूर्व-मध्य में एक कृष्णा नदी तट है जो काफी विख्यात है। बताया जाता है कि यह शहर 20 हजार वर्ष पुराना है और इस शहर को बैजवाड़ा नाम से भी जाना जाता है।आपको यह जानकारी दे दें कि देवी कनकदुर्गा के नाम पर इस शहर का नाम रखा गया है।

विजयवाड़ा की गुफाएं (Source : Google Search)

इस शहर को स्थानीय लोग विजया के नाम से पुकारते हैं। यहां की गुफाओं में सबसे प्रसिद्ध गुफाएं जो है वह उंद्रावल्ली के नाम से जानी जाती है। यहां पर शयन करते हुए विष्णु जी की एक मूर्ति है जो कलाकारी में श्रेष्ठ होने का नमूना पेश करती है। इस विजयवाड़ा शहर के ठीक दक्षिण भाग में 12 किलोमीटर दूर मंगलगिरि नाम की एक सुंदर पहाड़ी है जहां पर विष्णु का अवतार लिए भगवान नरसिंह एक आकर्षित मंदिर में विख्यात हैं।

अर्जन की गुफाएं

कुल्लू-मनाली से 5 किलोमीटर दूर पर स्थित एक जगतसुख नाम की स्थान हैं। बताया जाता है कि इस स्थान पर राजा जगत सिंह की राजधानी थी।आपको यह जानकारी दे दें कि इस अनोखे और अद्भुत स्थान पर बिम्बकेश्वर और गायत्री देवी नामक मंदिर है जो पर्यटकों का खास आकर्षण माना जाता हैं।

अर्जुन के नाम पर अर्जुन गुफ़ा,famous caves in india
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इसके ठीक बगल में ही हमटा नामक एक जगह है जहां पर अर्जुन गुफा स्थित है और काफी प्रसिद्ध भी है। प्रसिद्ध है इस गुफा में अर्जुन का एक भव्य प्रतिमा है जो इस गुफा के सुंदरता को निखारती हैं। यह गुफा लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसमें घूमने बाहर से कई पर्यटक भी आते हैं।

पीतलखोरा की गुफाएं

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित पितलखोरा गुफा सुंदरता के मायने में अपनी अलग ही छाप छोड़ती है। बताया जाता है कि कई बड़े पत्थरों और चट्टानों को एक साथ काटकर कूल ऐसी 13 गुफाएं बनाई गई हैं जो बिल्कुल ही अद्भुत है।

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यहां पर कुल 37 अठपहलू स्तंभ पाए जाते हैं जिससे से वर्तमान स्थिति में 12 ही बचे हुए हैं। बाकी बचे हुए स्तंभ विनष्ट हो गए हैं। आर्कियोलॉजिस्ट के मुताबिक इस पितल्खोरा गुफा का निर्माण द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व में किया गया था।


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Author : Arti Jha

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